केला एक पौष्टिक फल है, जिसे दुनियाभर में पसंद किया जाता है। लेकिन कई बार जब केले की त्वचा पर काले धब्बे दिखाई देने लगते हैं, तो लोग उन्हें खाने से हिचकिचाने लगते हैं। यह सवाल उठता है कि क्या ऐसे केले खाना सुरक्षित है? आइए इस पर विस्तार से जानते हैं।

काले धब्बे क्यों आते हैं?
केले के पकने की प्रक्रिया के दौरान उसकी त्वचा का रंग हरे से पीला और फिर काले धब्बों में बदलने लगता है। ये धब्बे एंजाइमेटिक ब्राउनिंग के कारण होते हैं, जो केले में प्राकृतिक रूप से होने वाली एक सामान्य प्रक्रिया है।

क्या ऐसे केले खाना सुरक्षित है?
हाँ, काले धब्बे वाले केले आमतौर पर खाने के लिए सुरक्षित होते हैं। वास्तव में, जब केले पर काले धब्बे आ जाते हैं, तो वे अधिक मीठे और नरम हो जाते हैं, क्योंकि स्टार्च शर्करा में बदल जाता है। ऐसे केले एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं और पाचन के लिए भी अच्छे माने जाते हैं।

कब नहीं खाने चाहिए?
हालांकि, अगर केला अत्यधिक नरम हो गया है, उसमें फफूंदी लग गई है, या उससे दुर्गंध आ रही है, तो उसे नहीं खाना चाहिए। ऐसे फल खाने से पेट संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।

काले धब्बे वाले केले के फायदे
- बेहतर पाचन: पके हुए केले में अधिक फाइबर होता है, जो पाचन के लिए फायदेमंद होता है।
- एनर्जी बूस्टर: ये तुरंत ऊर्जा देने का काम करते हैं, इसलिए व्यायाम करने वालों के लिए बेहतरीन स्नैक हो सकते हैं।
- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर: ये शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं।
- दिल के लिए फायदेमंद: केले में मौजूद पोटैशियम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक होता है।

निष्कर्ष
अगर केले पर काले धब्बे हैं लेकिन वह सामान्य रूप से ताजा दिख रहा है, तो उसे खाने में कोई नुकसान नहीं है। बल्कि, ऐसे केले पोषण से भरपूर होते हैं और स्वाद में भी अधिक मीठे होते हैं। लेकिन यदि केला बहुत ज्यादा सड़ा हुआ हो या उसमें फफूंदी लग गई हो, तो उसे खाने से बचना चाहिए।