यूरिक एसिड की समस्या उन लोगों के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन सकती है, जो इसे नजरअंदाज करते हैं। यूरिक एसिड शरीर में तब बढ़ जाता है जब शरीर पुरानी वेस्ट प्रोडक्ट्स को सही तरीके से बाहर नहीं निकाल पाता। इसके बढ़ने से जोड़ों में दर्द, सूजन और घुटनों में परेशानी हो सकती है। खासकर जिन लोगों को गाउट या जोड़ों का दर्द होता है, उन्हें इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है।

अगर आप यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित रखना चाहते हैं, तो आपके आहार में कुछ बदलाव करना बेहद आवश्यक हो सकता है। खासकर दालों का सेवन करते समय आपको कुछ विशेष दालों से दूर रहना चाहिए क्योंकि इनमें purine (प्रोटीन) की मात्रा अधिक होती है, जो यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती है।

यूरिक एसिड के मरीजों के लिए ये दालें ना खाएं:
- मसूर दाल
मसूर दाल में purine की मात्रा ज्यादा होती है, जो यूरिक एसिड को बढ़ाने में मदद करती है। इसके अधिक सेवन से गाउट के मरीजों को समस्या हो सकती है। - चना दाल
चना दाल में भी purine का स्तर अधिक होता है। इससे शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है, जिससे जोड़ों में सूजन और दर्द हो सकता है। - राजमा
राजमा में purine की मात्रा काफी होती है, जो यूरिक एसिड के लेवल को बढ़ा सकती है। राजमा का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए, खासकर यूरिक एसिड के मरीजों को। - मटर दाल
मटर दाल का सेवन भी यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकता है, इसलिए इसे सीमित मात्रा में ही खाएं।

क्या करें?
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए आपको अपने आहार में कुछ अन्य बदलाव भी करने चाहिए। हरी सब्जियों, फल, और पानी का सेवन बढ़ाएं। ज्यादा तले-भुने या भारी भोजन से बचें। साथ ही, डॉक्टरी सलाह के अनुसार दवाइयों का सेवन करें और नियमित रूप से यूरिक एसिड की जांच कराते रहें।
यूरिक एसिड को नियंत्रित रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अपनी खाने-पीने की आदतों में बदलाव लाएं और दवाओं का सही समय पर सेवन करें।