अनुलोम विलोम प्राणायाम, जिसे “नाड़ी शोधन” भी कहा जाता है, एक प्रसिद्ध योग आसन है जो श्वास नियंत्रण पर आधारित होता है। यह प्राचीन भारतीय योग पद्धतियों में से एक है और शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को सुधारने के लिए जाना जाता है। जब इसे सही तरीके से किया जाता है, तो इसके कई शारीरिक और मानसिक लाभ होते हैं। रोज़ अनुलोम विलोम करने से होने वाले कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:

- मानसिक शांति और तनाव में कमी: अनुलोम विलोम श्वास को नियंत्रित करने और शांति के साथ करने का एक प्रभावी तरीका है। यह मानसिक तनाव को कम करने, चिंता को नियंत्रित करने और शांति को बढ़ाने में मदद करता है। जब हम गहरी और नियंत्रित श्वास लेते हैं, तो यह तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और हमारे शरीर में तनाव को कम करता है।
- स्मरण शक्ति और मानसिक स्पष्टता: अनुलोम विलोम प्राणायाम नियमित रूप से करने से मस्तिष्क में रक्त संचार सुधरता है, जिससे स्मरण शक्ति, मानसिक स्पष्टता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में सुधार होता है। यह मस्तिष्क को तरोताजा करता है और मानसिक थकान को दूर करता है।

- इम्यून सिस्टम को मजबूत करना: यह प्राणायाम शरीर की इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है। श्वास की गहरी प्रक्रिया से रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे शरीर में मौजूद विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- हृदय स्वास्थ्य में सुधार: अनुलोम विलोम हृदय गति को नियंत्रित करता है और रक्तदाब को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है। यह हृदय और रक्तवाहिनियों की सेहत के लिए फायदेमंद है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है।

- शरीर की ऊर्जा में वृद्धि: नियमित रूप से अनुलोम विलोम करने से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। यह न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि शारीरिक ताकत भी बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति दिनभर ऊर्जावान महसूस करता है।
- नींद में सुधार: अनुलोम विलोम प्राणायाम से शरीर और मस्तिष्क को आराम मिलता है, जो बेहतर नींद के लिए मददगार है। यह खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे होते हैं।

- श्वसन तंत्र को सुधारना: यह प्राणायाम श्वसन तंत्र को मजबूत करता है और श्वास की क्षमता बढ़ाता है। इससे फेफड़ों का स्वास्थ्य सुधरता है और सांसों में ताजगी आती है।

कैसे करें अनुलोम विलोम प्राणायाम:
- आराम से बैठ जाएं, अपनी पीठ सीधी रखें और आँखें बंद करें।
- बाएँ नथुने को अंगूठे से बंद करें और दाहिने नथुने से गहरी श्वास लें।
- अब दाहिने नथुने को अंगूठे से बंद करें और बाएँ नथुने से श्वास बाहर छोड़ें।
- फिर बाएँ नथुने से श्वास लें और दाहिने से बाहर छोड़ें। इस प्रक्रिया को कुछ मिनटों तक करें।

निष्कर्ष: रोज़ अनुलोम विलोम प्राणायाम करना न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति के लिए भी बहुत फायदेमंद है। यदि इसे नियमित रूप से किया जाए तो यह शरीर और मन दोनों को स्वस्थ और संतुलित बनाए रखता है। यह एक सरल लेकिन शक्तिशाली तकनीक है, जिसे हर व्यक्ति अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकता है।